Diwali Lakshmi Pooja Muhurat Time: Karthik माह की Amavasya तिथि 12 November दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही इसका समापन 13 November दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर होगा। North direction को वास्तु में धन की Direction माना गया है, इसलिए Diwali पर यह क्षेत्र यक्ष साधना, Lakshmi Poojan और Ganesh Poojan के लिए आदर्श स्थान है।
Diwali Laxmi Puja Time And Puja Vidhi: वर्ष की सभी Amavasya में Karthik Amavasya की तिथि श्रेष्ठतम मानी गई है, क्योंकि इस दिन Mahalakshmi की Pooja-Aradhana करके अपने इष्ट कार्य को तो सिद्ध किया ही जा सकता है,शक्ति Aradhana के लिए भी यह Amavasya सर्वोपरि मानी गई है। इस दिन भगवान Ram असुरों का संहार करके अयोध्या लौटे थे, जिनका Deepotsav करके Svaagat किया गया था।
दिवाली का दिन Lakshmi के Svaagat का दिन है। हम चारों ओर रोशनी फैलाकर सकारात्मकता के साथ Mahalakshmi से समृद्धि और सम्पन्नता मांगते हैं। इसमें अंधेरे को दूर कर रोशनी कि जाती है, इसी तरह हमें अपने अन्दर की बुराइयो के अन्धकार को मिटाकर प्रेम, सत्य और सदाचार रूपी रोशनी से स्वयं को Prakaashit करना चाहिए।
दिवाली Lakshmi Pooja विधि –
इस दिन प्रदोष वेला से लेकर पिशाच वेला के आरंभ से पहले तक ही Mahalakshmi Pooja का विधान है। यह पिशाच वेला रात्रि 02 बजे से आरंभ होती है। Pooja के लिए लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और इस पर साबुत अक्षत की एक परत बिछा है। अब श्री Lakshmi-Ganesh की Pratima को विराजमान करें एवं यथाशक्ति poojan saamagree लेकर North direction की ओर मुख करके बैठें।
North direction को वास्तु में धन की Direction माना गया है, इसलिए Diwali पर यह क्षेत्र यक्ष साधना, Lakshmi Poojan और Ganesh Poojan के लिए आदर्श स्थान है। जल कलश व अन्य Poojan सामग्री जैसे – kheel pataasha,sindoor,gangaajal,akshat-rolee,molee,phal-mithaee,paan-supari,elaichi आदि उत्तर और उत्तर-पूर्व में ही रखा जाना शुभ फलों में वृद्धि करेगा।
इसी प्रकार गणेशजी के Poojan में दूर्वा, गेंदा और गुलाब के फूलों का प्रयोग शुभ माना गया है। Pooja स्थल के दक्षिण-पूर्व की तरफ घी का दीप जलाते हुए ॐ दीपोज्योतिः परब्रह्म दीपोज्योतिः जनार्दनः ! दीपो हरतु में पापं Pooja दीपं नमोस्तुते ! मंत्र बोल लें। प्रसन्न चित्त से भगवान गणेश और माता Lakshmi की Pooja करें।
देवी Lakshmi और भगवान गणेश के लिए भोग में खीर, बूंदी के लड्डू,सूखे मेवे या फिर मावे से बनी हुई मिठाई रखें एवं आरती करें।
Poojan के बाद मुख्य दीपक को रात्रि भर जलने दें।Lakshmi जी के मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः । का यथाशक्ति जप करें।
poojan kaksh के द्वार पर sindoor या rolee से दोनों तरफ स्वास्तिक बना देने से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती हैं।
Diwali Poojan में श्रीयंत्र की Pooja सुख-समृद्धि को aamantrit करती है। वहीं विद्यार्थी वर्ग इस दिन माता महासरस्वती का मंत्र “या देवि ! सर्व भूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता ! नमस्तस्यै ! नमस्तस्यै ! नमस्तस्यै नमोनमः !! का जप करके शिक्षा प्रतियोगिता में बड़ी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
दिवाली शुभ मुहूर्त –
Karthik माह की Amavasya तिथि 12 November दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही इसका समापन 13 नवम्बर दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में Diwali का पर्व 12 नवंबर, रविवार के दिन मनाया जाएगा। साथ ही इस दिन धन की देवी मां Lakshmi की Pooja के लिए प्रदोष काल सबसे उत्तम माना गया है।
Lakshmi Pooja का शुभ मुहूर्त – 12 November शाम 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 35 मिनट तक।
निशिता काल मुहूर्त – 12 November की रात्रि 11 बजकर 35 मिनट से 13 November रात 12 बजकर 32 मिनट तक।
Pradosh kaal – शाम 05 बजकर 29 मिनट से 08 बजकर 08 मिनट तक।
Vrshabh kaal – शाम 05 बजकर 39 मिनट से 07 बजकर 35 मिनट तक।
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